EPS 95 PENSION HIKE NEWS | HIGHER PENSION LIST
गौरतलब है कि पेंशन स्कीम 1988 का लाभ विद्युत विभाग के करीब 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को मिलना था. बीडीओ की बैठक में पेंशन स्कीम 1988 को बिना आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए लागू की गई थी, जिसे 1995 से 19 फरवरी 2000 तक मान्य किया गया था लेकिन समय से पहले ही 30 जून 1997 को विकल्प को बंद कर दिया गया, जिसके चलते करीब 4000 कर्मचारियों को योजना में जगह नहीं मिल पाई थी इसके बाद से ही कर्मचारियों द्वारा संघर्ष शुरू किया गया और अभी तक यह जो संघर्ष जारी है।
लगभग 20 साल गुजर चुके हैं पर इन पेंशनधारकों को जो पेंशन मिलने वाली है वो अभी तक नहीं मिली है। लंबे संघर्ष के बाद भी नतीजा नहीं निकलने के चलते अब कर्मचारी हताश हो गए हैं। सीपीएफ विद्युत कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश मीणा और महामंत्री इकबाल हुसैन का कहना है कि 20 सालों से हक के लिए लड़ रहे हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।
40000 कर्मचारियों को जब इसका लाभ दिया जा रहा है तो सिर्फ 4000 कर्मचारियों को लाभ देने में क्या समस्या है? सरकार को इसके साथ ही विभाग की ओर से जो 5000 करोड़ के वित्तीय भार की बात कही जा रही है वह बिल्कुल गलत है। जिस कर्मचारी की सेवा काल में ही 50 लाख से अधिक वेतन नहीं पाया है उसकी पेंशन में 1.25 करोड़ कैसे हो सकती है। ऐसे में गहलोत सरकार जो कर्मचारियों के लिए संवेदनशील है वह पेंशन की मांग कर रहे हैं पेंशन की मांग कर रहे हैं उन कर्मचारियों की समस्या का समाधान जल्द करें।
जयपुर विद्युत विभाग के लगभग यह जो 4000 सेवानिवृत्त कर्मचारी है जो सालों से अपने हक के लिए लड़ रहे हैं करीब पिछले 20 सालों से यह जो संघर्ष है वह उनका चल रहा है। पर अभी तक उनकी पेंशन को विभाग द्वारा शुरू नहीं किया गया। जिसके चलते जो रिटायर कर्मचारी है तो वह निराश हो चुके हैं और ऐसा लग रहा है कि उनके द्वारा संघर्ष किया जा रहा है पर उसके संघर्षों को कोई सुनने वाला भी नहीं है। 20 साल से जो संघर्ष जयपुर विद्युत विभाग के 4000 सेवानिवृत्त कर्मचारी है तो उनका चल रहा है उसके बाद उनको जो वह पेंशन का भुगतान जो अभी तक नहीं हुआ है।
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