नमस्कार मा. श्री पाठक, मैंने माननीय श्रम मंत्री और सीबीटी प्रतिनिधियों को दिनांक 08.09.2020 का पत्र पढ़ा। लेकिन मेरी निजी राय है कि यह केवल तभी उचित है जब संदर्भ के अनुसार पत्राचार किया जाए।
09.09. 2020 सीबीटी प्रतिनिधि के साथ चर्चा के लिए श्रम मंत्रालय द्वारा की बैठक बुलाई गई थी। पर देश के 65 लाख पेंशनधारकों का दुर्भाग्य है की देश की कर्मचारी संघटनाये ईपीएस 95 पेंशन भड़तारी के मुद्दे को लेकर परहेज कर रही है।
सवाल यह है कि क्या इस बैठक में ईपीएस 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए जो पत्र लिखा गया था उस पत्र को स्वीकार किया गया ???
क्या आप सही मंच के सामने अपने संवैधानिक अधिकार की मांग कर रहे हैं???
यह अफवाह थी कि बैठक ईपीएस 95 के कानून में संशोधन करने के लिए आयोजित की जा गई थी।
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और अगर यह सच है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका पर epfo और श्रम मंत्रालय क्यों जोर देते हैं।
फिर भी यह सच है कि लोकतंत्र में हम अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हैं और कोविड -19 के मामले में हमारे पास अधिक विकल्प नहीं हैं।
समिति सभी गतिविधियों पर नजर रखने की पूरी कोशिश कर रही है।
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