जानिए CBT की बैठक के बाद कितनी बढे आपकी पेंशन निचे सर्च करे
संघटित क्षेत्र में नौकरी करते है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारियों की न्यूनतम मासिक पेंशन (Pension) को 1000 से बढाकर 2,000 रुपये करने के उपर फैसला 5 मार्च को हो सकता है. एक सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को पेंशन में बढ़ोतरी के लिए अलग-अलग प्रस्तावों दिए है और इनमे में से किसी एक प्रस्ताव पर सहमति बनाने को कहा है।
आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (मूल वेतन जोड़ महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत PF में जाता है। इतना योगदान कंपनी द्वारा भी किया किया जाता है लेकिन कंपनी के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी EPS (Employee Pension Scheme) में जाता है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी इसमें मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत का योगदान देती है। मौजूदा समय में EPS पेंशनर को1000 रुपये महीना पेंशन मिल रही है। 3000
वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से एक प्रस्ताव पर सहमति बनाने को कहा है. श्रम मंत्रालय और यूनियन ने पेंशन की अलग अलग सिफारिश की है। श्रम मंत्रालय ने मिनिमम पेंशन एक हज़ार से बढ़ाकर 2000 करने का प्रस्ताव दिया है. वहीं, लेबर यूनियन ने मिनिमम पेंशन 3000 रुपये करने की मांग की है और राष्ट्रिय संघर्ष समिति द्वारा 7500+DA की मानक की गई है। गैर संगठित क्षेत्र की तर्ज पर संगठित क्षेत्र की पेंशन में बढ़ोतरी की मांग है।
5 मार्च की बैठक में FY20 के लिए पीएफ पर ब्याज़ दर का भी फैसला होगा. बैठक में अगर प्रस्ताव पास होता है तो वित्त मंत्रालय इस पर फैसला लेगा।
लेबर मिनिस्टर संतोष कुमार गंगवार ने हाल में एक सवाल के जवाब में बताया था कि ईपीएस 95 पेंशन बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा। इससे सरकारी खर्च बढ़कर 5955 करोड़ रुपये हो जाएगा। हालांकि इससे करीब 40 लाख पेंशनरों को फायदा भी होगा।
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