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खुशखबर: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी भी हैं पीएफ और EPS 95 स्कीम के हकदार

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा की किसी भी कंपनी या संस्था में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी पीएफ और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नियमित एंप्लॉयीज की तरह ही मिलना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड के सेक्शन 2 (f) के मुताबिक कर्मचारी की परिभाषा में वह सभी लोग शामिल हैं, जो संस्थान के लिए काम करते हों। भले ही वे नियमित काम करते हों या फिर किसी तरह के कॉन्ट्रैक्ट पर हों।
सार्वजनिक क्षेत्र यूनिट पवन हंस लिमिटेड से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने पवन हंस को अपने सभी कॉन्ट्रैक्ट वाले एंप्लॉयीज को पीएफ हुए EPS स्कीम में शामिल करने का आदेश दिया। यही नहीं कोर्ट ने जनवरी 2017 से कर्मचारियों को अन्य लाभ दिए जाने का भी आदेश दिया है।
पवन हंस को बकाये पर देना होगा 12% ब्याज
जस्टिस यूयू ललिल और इंदु मल्होत्रा की बेंच ने आदेश दिया कि पवन हंस को जनवरी 2017 से दिसंबर 2019 तक के बकाया पीएफ पर 12 फीसदी का ब्याज भी कर्मचारियों के खाते में जमा करना होगा। पूर्व श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने इस मामले को लेकर कहा कि लेबर लॉ किसी भी तरह से स्थायी या फिर अस्थायी कर्मचारियों के मामले में सुविधा को लेकर कोई भेद नहीं करता।
डिलिवरी बॉयज भी आएंगे PF के दायरे में
गौरतलब है कि सरकार की ओर से प्रस्तावित श्रम सुधार कानून के तहत डिलिवरी बॉयज के तौर पर काम करने वाले लोगों को भी पीएफ और अन्य स्कीमों में शामिल करने का प्रस्ताव है। श्रम मामलों की संसदीय समिति की ओर से भी इस प्रपोजल को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

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