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If you do not withdraw money from EPF during your job, then the fund to be given after retirement will be tax free.

ईपीएफ यानी एंप्लाई प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वालों को काफी फायदे मिलते हैं. सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. वहीं इसमें मिलने वाला ब्याज भी सरकार की तरफ से अच्छा रहता है. चालू वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने ईपीएफ के लिए 8.65 फीसदी की ब्याज दर तय की है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप ईपीएफ के रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फंड पर टैक्स की कैसे बचत कर सकते हैं.

रिटायरमेंट तक न निकालें ईपीएफ से पैसा तो पूरा फंड हो जाएगा टैक्स फ्री
अगर आप रिटायरमेंट के वक्त तक अपने ईपीएफ से कोई भी पैसा नहीं निकालते हैं तो आपको रिटायरमेंट के वक्त ये फंड टैक्स फ्री मिल पाएगा.

रिटायरमेंट के बाद ईपीएफ से पैसा निकालते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
अगर आप रिटायरमेंट के बाद ईपीएफ खाते से पैसा निकालने में देर करेंगे तो इसके मिलने वाले फंड के ब्याज पर आपको टैक्स देना होगा. ऐसा क्यों होता है तो इसका जवाब है कि ईपीएफ पर मिलने वाली टैक्स छूट की सुविधा सिर्फ कर्मचारियों के लिए है और रिटायरमेंट के बाद या नौकरी छोड़ देने के बाद व्यक्ति कर्मचारी नहीं रह जाता है लिहाजा ईपीएफ के मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होता है.

टैक्स फ्री ब्याज भी मिलेगा तो 5 साल के बाद
अगर आप 5 साल से पहले ईपीएफ खाते से पैसा निकालते हैं तो आपको इस पर टैक्स देना होगा. वहीं 5 साल के बाद इस फंड से पैसा निकालेंगे तो आपको टैक्स फ्री पैसा मिल जाएगा.

ईपीएफ खाते में कब तक मिलता है ब्याज
ईपीएफ के निष्क्रिय खातों में भी ब्याज मिलता है जब तक अकाउंट होल्डर 58 साल का नहीं हो जाता है, हालांकि अगर अकाउंट होल्डर रिटायर हो जाता है तो और उसके बाद खाता निष्क्रिय होता है तो ऐसे खातों में ईपीएफओ ब्याज नहीं डालता है. 2011 में ईपीएफओ ने इस तरह के अकाउंट्स में ब्याज देना बंद कर दिया था जो एक्टिव नहीं हैं लेकिन साल 2016 में ये नियम बदला गया.

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