कंपनियों और संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पीएफ (PF) और पेंशन स्कीम चलाता है। पीएफ के लिए कर्मचारी हर महीने अपने वेतन में से कुछ हिस्सा जमा करते हैं और उतना ही कंपनी भी जमा करती है। कंपनी जो हिस्सा पीएफ में जमा करती है उसका कुछ हिस्सा इम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) में भी जाता है। इसके जरिए ही कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है। ईपीएफओ अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बहुत जल्द एक बड़ी सौगात लेकर आ रहा है।
ईपीएफ जमा करने वाले लाखों लोग जल्द ही पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं। ज़ी बिज़नस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय श्रम मंत्रालय वर्तमान में ईपीएफओ ग्राहकों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किस EPFO ग्राहक को आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा या नहीं, इस योजना के कानूनी ढांचे पर निर्भर हो सकता है। हालांकि, ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अभी तक इस तरह के किसी प्रस्ताव को औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं दी है।
योजना के मुताबिक यूपी के अलावा सभी प्रदेशों के क्षेत्रीय आयुक्तों को ईपीएफओ में कार्यरत कर्मचारियों, पेंशनरों के साथ उनके परिजनों का ब्योरा भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अहम बात है कि पूरा इलाज कैशलेस होगा। अभी तक कर्मचारियों को इलाज़ कराते वक़्त पहले रकम खर्च करनी पड़ती थी और बाद में बिल लगाने पर भुगतान होता था। अब इस स्कीम के तहत कर्मचारी घर के चार सदस्यों का इलाज भी करा सकते हैं। इसके लिए पुत्र-पुत्रियों की उम्र 25 साल से कम होने चाहिए।
ईपीएफ जमा करने वाले लाखों लोग जल्द ही पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं। ज़ी बिज़नस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय श्रम मंत्रालय वर्तमान में ईपीएफओ ग्राहकों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किस EPFO ग्राहक को आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा या नहीं, इस योजना के कानूनी ढांचे पर निर्भर हो सकता है। हालांकि, ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अभी तक इस तरह के किसी प्रस्ताव को औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं दी है।
योजना के मुताबिक यूपी के अलावा सभी प्रदेशों के क्षेत्रीय आयुक्तों को ईपीएफओ में कार्यरत कर्मचारियों, पेंशनरों के साथ उनके परिजनों का ब्योरा भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अहम बात है कि पूरा इलाज कैशलेस होगा। अभी तक कर्मचारियों को इलाज़ कराते वक़्त पहले रकम खर्च करनी पड़ती थी और बाद में बिल लगाने पर भुगतान होता था। अब इस स्कीम के तहत कर्मचारी घर के चार सदस्यों का इलाज भी करा सकते हैं। इसके लिए पुत्र-पुत्रियों की उम्र 25 साल से कम होने चाहिए।
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