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एक कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद कितने समय तक EPF में पैसा रख सकता हैं?


एक व्यक्ति की उम्र 37 हैं वह नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस करना चाहते हैं। अपने मौजूदा ईपीएफ अकाउंट से वह 58 साल तक पैसा निकालने के इच्छुक नहीं हैं। क्या इनका ईपीएफ में अपने पैसे को छोड़ने का विकल्प सही है, खासतौर से यह देखते हुए कि यह लंबे समय तक EPF खाता निष्क्रिय रहेगा।

इस पर विशेषज्ञ कहते हैं कि ईपीएफ सरकार के समर्थन वाली स्कीम है। इसमें गारंटीशुदा रिटर्न मिलता है, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित है।


नौकरी नहीं रहने पर भी 58 साल तक आप के ईपीएफ अकाउंट बैलेंस पर ब्याज मिलता रहेगा। हालांकि, इस तरह के ब्याज पर टैक्स लगेगा।
आइए, अब  एक दूसरी केस लेते हैं।
योगेशने अपनी जीवनभर की बचत 75 लाख रुपये गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के डिपॉजिट में निवेश किया है। ब्याज के साथ तीन साल बाद उनका निवेश बढ़कर 97 लाख रुपये हो जाएगा। उनके पास 75 लाख रुपये का एक फ्लैट है। इससे उन्हें 18,000 रुपये की रेंटल इनकम होती है। वह जानना चाहते हैं कि क्या NBFC डिपॉजिट अच्छा विकल्प है?



दरअसल, योगेश शेयरों में निवेश नहीं करना चाहते हैं। पहले इसमें वह काफी नुकसान उठा चुके हैं। न ही वह जोखिम लेने के पक्ष में हैं। किराया कम होने के चलते क्या उन्हें फ्लैट बेचना चाहिए? अगर हां तो एलटीसीजी टैक्स से बचने के लिए कहां निवेश करना चाहिए ताकि उन्हें ज्यादा मंथली रिटर्न मिल सके। अभी वह नौकरी नहीं कर रहे हैं और अकेले हैं। 

इस पर विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर योगेशने मजबूत कंपनियों में निवेश किया है तो भी उनके साथ केंद्रित पोर्टफोलियो का जोखिम है। कारण है कि उन्होंने कहीं और पैसा नहीं लगाया है।



उन्हें कुछ पैसा सरकार के समर्थन वाली स्कीमों और डेट म्यूचुअल फंडों में लगाना चाहिए जसमे वह पोस्ट ऑफिस मंथली स्कीम, किसान विकास पत्र और टैक्स फ्री बॉन्डों में मिलाजुलाकर निवेश कर सकते हैं। डेट फंडों के लिए उन्हें लिक्विड फंड के साथ लो ड्यूरेशन फंडों को चुनना चाहिए। इनकी मदद से वह इमर्जेंसी फंड बना सकते हैं।  यह फंड किसी अनहोनी में उनके काम आएगा।

जहां कॉरपोरेट एफडी पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। वहीं, डेट फंडों पर तीन साल बाद इंडेक्सेशन का बेनिफिट मिलता है।  चूंकि फ्लैट उनकी दूसरी प्रॉपर्टी है और वह ज्यादा इनकम के बारे में सोच रहे हैं. इसलिए वह इसे बेच सकते हैं। एलटीसीजी टैक्स इस बात पर निर्भर करेगा कि प्रॉपर्टी को किस साल बेचा जाता है और उसे खरीदने की लागत कितनी है। LTCG पर 20 फीसदी इडेक्सेशन के साथ टैक्स लगता है।

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