सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला देते हुए कहा विशेष भत्ते यानी स्पेशल अलाउंस बेसिक पे का हिस्सा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब नौकरीपेशा वाले लोगों के खाते में ज्यादा PF जमा हो सकेगा। स्पेशल अलाउंस को बेसिक पे में शामिल करने पर PF के तौर पर जमा की जाने वाली रकम में इजाफा होगा और इससे नौकरीपेशा लोगों को फायदा पहुंचेगा। टा. ऑफ इंडिया की के मुताबिक बेंच के सामने यह सवाल पूछा गया था कि क्या कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को दिये गए विशेष भत्ते को सेक्शन 2 (b)(ii)के तहत मूल वेतन के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए जिसके जवाब में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
अरुण मिश्रा और नवीन सिन्हा की बेंच ने उस अपील को ठुकरा दिया जिसमें पीएफ कमिश्नर के फैसले को लेकर कंपनियों द्वारा सवाल उठाया गया था। पीएफ कमिश्नर ने अपने फैसले में कहा था कि विशेष भत्ता और मूल वेतन को एक साथ मिलाकर पीएफ जोड़ा जाना चाहिए। फैसले के पीछे का तर्क देते हुए बेंच ने कहा कि कंपनियों द्वारा कोई ऐसा तर्क नहीं रखा गया जिससे लगे कि विशेष भत्ता उनके अच्छे प्रदर्शन के तौर पर उन्हें दिया जाता हो।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा, “भत्ते का स्ट्रक्चर और सैलरी के घटकों की जांच तथ्यों पर की गई है, यह अधिनियम के तहत प्राधिकरण और अपीलीय प्राधिकारी दोनों के द्वारा की गई है। जो एक तथ्यात्मक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि जिस अलाउंस पर सवाल उठाए जा रहे थे वह बेसिक पे का ही हिस्सा है। जबकि इसे पीएफ का हिस्सा बताकर दिया जा रहा है।पूर्व सीपीएफसी ने बताया कि इस फैसले का फायदा पीएफ के तौर पर 15000 तक के मूल वेतन और भत्ता जमा कराने वालों को मिलेगा।
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