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सरकार ने गरीब कामगारों को दि सौगात, हर महीने मिलेगी Rs 3000 पेंशन | मजूदरों के लिए सरकार ने नई पेंशन योजना की घोषणा की है।

लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट मोदी सरकार ने गरीब कामगारों को बड़ा तहफा दिया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा की है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे  पीयूष गोयल ने आम चुनाव से पहले शुक्रवार को मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश किया। सरकार ने बजट में मजदूरों के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सौगात देते हुए उनके लिए पेंशन स्कीम का ऐलान है।

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का ऐलान करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 100 रुपये के मासिक योगदान पर कामगारों को 60 साल की आयु के बाद हर महीने 3000 रुपये पेंशन मिलेगी। इसके तहत असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कामगारों को रिटायरमेंट के बाद एक न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाएगी ।

किसके लिए है योजना?
इस स्कीम का फायदा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे मजदूरों को मिलेगा जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से कम है।इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में सबसे कमजोर 25 फीसदी लोगों के लिए एक फाइनैंशल सिक्यॉरिटी स्कीम की तरह मिलेगा । सरकार के इस कदम से घरेलू नौकरानियों , ड्राइवरों , प्लबंर , बिजली का काम करने वाले कामगारों को फायदा हो सकता है , जो इस स्कीम के तहत 15 हजार की सैलरी से कम कमाई कर पाते हों ।

लोकसभा में साल 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते समय गोयल ने कहा कि इस योजना से 10 करोड़ कामगारों को लाभ होगा और यह अगले पांच सालों में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है। भारत में करीब 50 करोड़ की वर्कफोर्स है , जिसमें से 90 प्रतिशत हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है । ऐसे कामगारों को आमतौर पर सरकारों की ओर से तय न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता और न ही पेंशन या हेल्थ इंश्योरेंस जैसी सोशल सिक्यॉरिटी मिल पाती है ।

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