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प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) पेंशन योजना के तहत असंगठित मजदूर अगले सप्ताह से ले सकेंगे पेंशन योजना मिलेगी मासिक 3000 रु पेंशन

असंगठित क्षेत्र के 40 वर्ष तक आयु के सभी मजदूर 15 फरवरी से प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) पेंशन योजना में पंजीकरण करा सकेंगे। श्रम मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सेवानिवृत्ति की उम्र के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये का निश्चित पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। इसमें घरेलू नौकर, रेहड़ी-पटरी कामगार, मध्याहन भोजन कामगार, ईट-भट्ठा मजदूर, मोची, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर और निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों जैसा समुदाय शामिल होगा।
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इसी महीने अगले वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए इस योजना की घोषणा की थी। इसके तहत 15,000 रुपये तक मासिक आय वाले मजदूरों को न्यूनतम 3,000 रुपये का मासिक पेंशन दिया जाएगा। इसके लिए मजदूरों को उनकी उम्र के हिसाब से अपना मासिक योगदान देना होगा, और उतनी ही रकम का योगदान सरकार अपनी तरफ से देगी। अगर कोई मजदूर 18 वर्ष की आयु में ही योजना में पंजीकरण करा लेता है, तो उसे मासिक 55 रुपये का ही अंशदान देना होगा। वहीं, 29 वर्ष की आयु में पंजीकरण कराने वाले मजदूरों को मासिक 100 रुपये, जबकि 40 वर्ष की आयु वाले मजदूरों को मासिक 200 रुपये का अंशदान देना होगा।


कीन्हे नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ:
मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक यह पेंशन योजना उन मजदूरों के लिए नहीं है, जो नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस), इंप्लॉईज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन स्कीम (ईएसआइसीएस) या इंप्लॉईज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) योजना के तहत पंजीकृत हैं।


योजना में सम्मिलित होने के लिए पात्रता 
योजना के तहत पंजीकरण के इच्छुक मजदूरों का कम से कम 18 वर्ष की आयु का होना जरूरी है। उनके पास किसी भी बैंक का एक बचत खाता और आधार कार्ड भी होना चाहिए।

पात्र अभिदाता की मृत्यु पर परिवार को फायदे:
अगर इस योजना के तहत पंजीकृत कोई मजदूर नियमित रूप से अपना अंशदान दे रहा है और उसकी 60 वर्ष की उम्र से पहले मौत हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को उसी अंशदान के साथ योजना जारी रखने का हक मिलेगा। हालांकि मृतक का जीवनसाथी चाहे तो कर्मचारी द्वारा उस वक्त तक दिया अंशदान (इसमें सरकार का हिस्सा और ब्याज शामिल नहीं होगा) लेकर योजना से बाहर निकल सकता है। हालांकि अगर पेंशनभोगी की मौत हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को आधा पेंशन मिलता रहेगा।






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