February 12, 2019 at 20:41
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की EPS-95 योजना के पेंशनधारक न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने और इसे महंगाई भत्ते से जोड़ने तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन देने की मुख्य मांगों सहित अन्य शिकायतों पर 27 फरवरी को नई दिल्ली के जंतरमंतर से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक मार्च और रैली का आयोजन करेंगे। बताया गया है कि 15 मार्च 2019 को देश के विभिन्न भागों में रेल रोको आंदोलन होगा। रेल रोको आंदोलन उत्तर भारत में ग्वालियर, पूर्वी भारत में कोलकाता, पश्चिमी भारत में भुसावल और दक्षिणी भारत में बेंगलुरु में किया जाएगा। इससे पहले लाखों पेंशन धारक राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने के लिए पत्र लिख चुके हैं।
EPS-95 पेंशनर्स राष्ट्रिय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि यह 63 लाख पेंशन धारक व उनके परिवार से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है। 31 जनवरी 2019 को संपन्न हुई ईपीएस संघर्ष समिति की केंद्रीय कार्यकारिणी की आपातकालीन बैठक में आंदोलन को तेज करने का फैसला किया गया। इसमें देश भर के 16 राज्यों से 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यकारिणी में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में 3000 रुपये मिनिमम पेंशन की मांग करने वाली यूनियनों का निषेध करना, मुख्य मांगों को मंजूर करवाने हेतु विकल्प खुले रखना और सभी आंदोलनों को लक्ष्य पाने तक जारी रखने का फ़ैसला लिया गया। मांगों को न मानने पर रेल रोको आंदोलन करना, सीबीटी सदस्यों की आगामी सीबीटी बैठक में मुख्य मांगों के समाधान के लिए प्रस्ताव रखने के लिए जिम्मेदार बनाना, मांगों की पूर्ति के लिए किसी भी सीमातक NAC द्वारा कदम उठाया जाएगा।
अशोक राउत ने बताया कि हमारे लाखों खत, आन्दोलन, अनेकों मंत्री तथा सांसदों के साथ वार्तालाप के बाद भी सरकार ने आज तक ईपीएस पेंशन के बारे में उचित निर्णय नही लिया, अगर हमारे तरफ सरकार ध्यान देने से असफल रही तो हम भी सरकार को आनेवाली चुनाव में हराने की ताकत रखते है। राउत के मुताबिक अखिल भारतीय ईपीएस-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के तहत पेंशनधारकों ने अपनी मांगों के समर्थन में गणतंत्र दिवस पर सामूहिक भूख हड़ताल की थी। यह आंदोलन देश भर के सभी जिलों में आयोजित किया गया। इससे पहले पेंशनर्स ने सामूहिक आत्मदाह का आंदोलन श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार द्वारा दिये गये मांगों को पूरा करने के ठोस आश्वासन पर स्थगित कर दिया था। राउत ने बताया कि श्रम मंत्री के आश्वासन की पूर्ति न होने पर 24 दिसंबर 2018 से महाराष्ट्र के बुलडाणा में पेंशन धारकों ने 24 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी, जो 23 जनवरी से आमरण अनशन में बदल गई थी और अभी भी अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल जारी है। पेंशन धारक इतने परेशान हैं कि वह अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने के अलावा सांसदों के घरों और दफ्तरों का घेराव भी चुके है। पेंशनर्स मुंडन करवाकर और भिक्षा मांगकर भी अपना विरोध जता चुके हैं।
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