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EPFO Latest News: मार्च के बाद EPFO के कोष प्रबंधक के रूप में काम नहीं करेगा एसबीआई: श्रम मंत्री,| EPS Pension Hike Update

देश का सबसे बड़ा बैंक SBI कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के कोष प्रबंधक का काम मार्च के बाद नहीं करेगा। इसका कारण आरबीआई नियमों के तहत बैंक संपत्ति प्रबंधन कंपनी के रूप में काम नहीं कर सकता। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘‘हमसे कहा गया है कि SBI EPFO के कोष प्रबंधक के रूप में काम नहीं कर सकता। हमने उसकी इकाई SBI म्यूचुअल फंड की सेवा बतौर कोष प्रबंधक नहीं ली है क्योंकि पूर्व में बोली के समय आवेदनकर्ता के रूप में वह नहीं थी।’’


EPFO के निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक के बाद उन्होंने यह कहा। मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘हमने सभी कोष प्रबंधकों को मार्च तक का समय दिया है। हम चर्चा करेंगे और यह निर्णय करेंगे कि हम किसे बतौर कोष प्रबंधक रख सकते हैं। हमने SBI को जोड़ा था लेकिन उसका काम ‘बैंकिंग’ है न कि कोष प्रबंधन का। SBI म्यूचुअल फंड कोष प्रबंध के रूप में हमारे पास पंजीकृत नहीं है। मार्च के बाद अगर SBI की कोष प्रबंधक इकाई इसके लिये आती है, हम उसे जोड़ सकते हैं।’’ फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक (SBI), ICICI सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप, रिलायंस कैपिटल, HSBC AMC और यUTI AMC EPFO के कोष प्रबंधक हैं।
EPFO ने अलग से SBI कैपिटल तथा UTI म्यूचुअल फंड को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) प्रबंधक नियुक्त किया है। SBI कैपिटल EPFO के ETF निवेश का 75 प्रतिशत प्रबंधन करता है जबकि UTI म्यूचुअल फंड 25 प्रतिशत का प्रबंधन करता है।

कर्मचारी पेंशन योजना 95 (EPS-95) में अधिक योगदान के जरिये कर्मचारियों को अधिक पेंशन देने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा, ‘‘यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद हम निर्णय करेंगे। हमने इस बारे में ‘एक्चूरी’ से इस बारे में राय मांगी है। हम उसकी सलाह के आधार पर निर्णय करेंगे। इस मुद्दे पर बड़ी संख्या में लोग यहां आये थे लेकिन इस बारे में निर्णय भारत सरकार करेगी।’’    न्यूनतम मासिक पेंशन दोगुना 2,000 रुपये मासिक करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘आज की बैठक के एजेंडे में ऐसा कोई प्रस्ताव शामिल नहीं था। सरकार को मौजूदा न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये के लिये कोष उपलब्ध कराना है। यह सरकार की मंजूरी पर निर्भर है।’’

गंगवार ने कहा, ‘‘हमने वित्त मंत्रालय से कहा है कि न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000, 2,000 रुपये और 3,000 रुपये करने के लिये क्या वित्तीय प्रभाव होगा। इस बारे में उन्हें (वित्त मंत्रालय) को निर्णय करना है।’’

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