अगर आप नौकरी करते हैं तो अपनी सैलरी स्लिप में देख सकते हैं कि आपके वेतन से कितना पैसा पीएफ के लिए कटा है. ज्यादा जानकारी के लिए आपको पीएफ स्टेटमेंट की कॉपी की जरूरत होगी. इसमें आपको पीएफ में अपने और कंपनी के योगदान का पूरा विवरण मिल जाएगा. यह भी पता चलेगा कि किस वित्त वर्ष में आपको जमा हुर्इ रकम पर कितना ब्याज मिला.
कैसे प्राप्त करें पीएफ स्टेटमेंट?
हर वित्त वर्ष के अंत में कंपनी कर्मचारियों के साथ पीएफ स्टेटमेंट साझा करती है. कंपनी को यह स्टेटमेंट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से मिलता है. जो कंपनियां ईपीएफ के तहत आती हैं, उनके कर्मचारी https://passbook.epfindia.gov.in/MemberPassBook/Login.jsp पर इसे देख सकते हैं. जिन संस्थानों का अपना पीएफ ट्रस्ट है, वे अमूमन इंट्रानेट के जरिए कर्मचारियों को पीएफ स्टेटमेंट उपलब्ध कराते हैं.
बुनियादी विवरण:
पीएफ स्टेटमेंट में संस्थान के नाम और पते के साथ उसका आर्इडी भी दिया होता है. आपको इसमें कर्मचारी का नाम, जन्मतिथि, संस्थान से जुड़ने की तारीख आदि जैसे ब्योरे भी दिखार्इ देंगे.
पीएफ खाता संख्या:
पीएफ खाता संख्या:
अपने पीएफ स्टेटमेंट में जांच करने वाली पहली चीज पीएफ नंबर है. जो संस्थान ईपीएफ के तहत आते हैं, उनमें पीएफ संख्या अल्फान्यूमेरिक में दिया होता है. यह राज्य, क्षेत्रीय कार्यालय, प्रतिष्ठान और पीएफ मेंबर कोड को दर्शाता है. अपना ट्रस्ट चलाने वाले संस्थानों में पीएफ अकाउंट नंबर पूरी तरह से संख्या में लिखा होता है.
यूएएन नंबर:
यूएएन नंबर:
कर्मचारी के एक संस्थान से दूसरे संस्थान में जाने पर पीएफ खाता संख्या बदल जाती है. इसके उलट यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) 12 अंकों का खास कोड है. सभी कर्मचारियों के पास यूएएन होना अनिवार्य है. सभी पीएफ नंबर, यानी मेंबर आईडी को यूएएन से जोड़ा जाता है.
ओपनिंग बैलेंस:
ओपनिंग बैलेंस:
पीएफ स्टेटमेंट इंप्लॉर्इ-इंप्लॉयर कॉलम में ओपनिंग बैलेंस को दिखाता है. ओपनिंग बैलेंस कुल योगदान (इंप्लॉर्इ-इंप्लॉयर दोनों का) और पिछले वित्त वर्ष में अर्जित ब्याज को दर्शाता है.
मासिक योगदान:
मासिक योगदान:
पीएफ स्टेटमेंट/पासबुक कर्मचारी के ब्रेक-अप और रुपये में कंपनी के मासिक योगदान को दिखाता है. ईपीएस (कर्मचारी पेंशन स्कीम) में जाने वाली रकम का हिस्सा भी अलग से दिखार्इ देता है. वैसे तो कर्मचारी और कंपनी दोनों समान रूप से 12 फीसदी योगदान करते हैं, पर यह बराबर नहीं होता है.
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड:
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड:
कर्मचारी को पीएफ में 12 फीसदी से अधिक योगदान करने की अनुमति है. यह रकम 'वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड' कॉलम में दिखार्इ देती है.
ब्याज:
ब्याज:
कर्मचारी और कंपनी के योगदान पर अर्जित ब्याज को साल में एक बार पीएफ खाते में जमा किया जाता है. अर्जित ब्याज का कैलकुलेशन खाते में मासिक चलने वाले बैलेंस पर किया जाता है. पीएफ स्टेटमेंट में वह ब्याज दर होती है जिस पर कैलकुलेशन किया जाता है.
निकासी: स्टेटमेंट में वर्ष के दौरान आपकी ओर से की गर्इ निकासी को भी दर्शाया जाता है.
क्लोजिंग बैलेंस:
निकासी: स्टेटमेंट में वर्ष के दौरान आपकी ओर से की गर्इ निकासी को भी दर्शाया जाता है.
क्लोजिंग बैलेंस:
क्लोजिंग बैलेंस ब्याज के साथ कर्मचारी के कुल योगदान और ब्याज सहित कंपनी के कुल योगदान को दिखाता है. यही बैलेंस अगले वित्त वर्ष के लिए ओपनिंग बैलेंस बन जाता है.
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