KYC (नो योर कस्टमर) अपडेट करने को लेकर उद्यमियों और EPFO के बीच चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। सोमवार को आइआइए भवन में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम वीवीबी सिंह ने उद्यमियों की आशंकाओं को दूर किया और बताया कि आखिर नई व्यवस्था क्यों जरूरी है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पहले संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य और कानपुर चैप्टर के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने केवाईसी अपडेट करने में आ रही समस्याओं को सामने रखा। दोनों पदाधिकारियों ने आधार कार्ड एवं ईपीएफओ में दर्ज नाम, जन्म तिथि, पिता के नाम का मिलान न होने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि उद्यमी KYC अपडेट करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें EPFO का सहयोग चाहिए। उन्होंने विभाग से आ रहे नोटिसों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जवाब में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रथम वीवीबी सिंह ने स्पष्ट किया कि विभाग का मकसद किसी को परेशान करना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मिलान में छोटी गलती है तो उसे ऑनलाइन ही सही किया जा सकता है। जन्म तिथि में एक वर्ष का अंतर होने पर भी नियोक्ता द्वारा ऑनलाइन ही निस्तारण हो सकता है। इससे अधिक अंतर होने पर कर्मचारी की हाईस्कूल की मार्कशीट से जन्म तिथि लेकर विभाग को प्रार्थना पत्र देना होगा।
जिन कर्मचारियों की जन्मतिथि में एक वर्ष का अंतर है और जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं हैं, उनकी लिस्ट नियोक्ता विभाग को भेजें। उच्चाधिकारी इस पर फैसला लेंगे। उन्होंने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से उद्यमियों को केवाईसी पूरी करने की जानकारी दी। इस मौके पर सहायक आयुक्त तेज प्रताप सिंह, चेतन यादव, उत्कर्षजीत सिंह व केके श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, संजय निगम, वंदना पांडेय के अलावा आइआइए की ओर से महामंत्री संजय जैन, दिनेश बरासिया, जय हेमराजनी, मनमोहन राजपाल, अनिल पांडेय आदि मौजूद रहे।
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